तीन लोगों के खिलाफ की कार्रवाई, 2 लाख 70 हजार रुपए जुर्माना लगाया
जिले में सिंथेटिक पनीर का कारोबार बढ़ रहा है । पिछले दिनों जांच में इस बात का पता चला है कि आम दुकान से लेकर ढाबे और होटल पर प्रयोग में ले जाने वाला पनीर शुद्धता की कसौटी पर सही नहीं है ।
सब स्टैंडर्ड पनीर के दोषी तीन लोगों के खिलाफ जिला प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की।
इन पर 2 लाख 70 हजाररुपए का बड़ा जुर्माना भी किया है। जिले में विभिन्न स्थानों पर पनीर की आपूर्ति की जाती है।
समय- समय पर इस प्रकार के मामलों में सैंपल की कार्रवाई की जाती है, लेकिन यह कार्रवाई केवल सब्सटैंडर्ड पनीर को बेचने वाले कुछ छोटे दुकानदार या प्रयोग में लेने वाले तक सीमित हो जाती है।
जबकि इनकी बड़े स्तर पर आपूर्ति करने वालों पर किसी की नजर नहीं रहती बाजार में जिस तरीके से नकली पनीर की खपत बढ़ाई जा रही है उससे आम लोगों को अपने घरों में बनाए पनीर का प्रयोग बढ़ाना चाहि।
सिंथेटिक तरीके से बनाए जाने वाला पनीर 50 रुपए प्रति किलो के हिसाब से तैयार किया जा सकता है । बाजार में कम रेट में पनीर उपलब्ध कराए जाने की होड़ में शुद्धता को दरकिनार किया जा रहा है।
जबकि 65 रुपए के भाव से बिकने वाले एक किलो दूध में 200 ग्राम ही पनीर तैयार होता है।
इस तरीके से 10 किलो दूध में 2 किलो पनीर बनता है। लेकिन बाजार में जो पनीर उपलब्ध है वह 200 रुपए से भी कम का है।
कैसे करें असली और नकली पनीर की पहचान
दबाकर
पनीर के एक टुकड़े को मसलकर देखे यदि यह टूटकर बिखरने लगे तो यह नकली होगा।
क्योंकि इसमें मौजूद स्कीम्ड मिल्क पाउडर ज्यादा दबाव सह नहीं पाता है। ऐसे में इसे दबाने पर बिखरने लगता है।
आयोडीन टिंचर
खरीद कर ले गए पनीर को घर पर उबाल कर देखे। इसे ठंडा होने पर, इसमें कुछ बूँद आयोडीन टिंचर की डाले यदि पनीर का रंग नीला पड़ जाए तो पनीर मिलावटी है। सोयाबीन पाउडर डाल के पनीर को जांचने का एक और तरीका है।
इसके लिए पनीरको उबालकर उसे ठंडा करने के बाद इसमें सोयाबीन या अरहर दाल का पाउडर डाले इसके 10 मिनिट बाद चेक करें। यदि इसका रंग धीरे धीरे लाल होने लग जाए तो यह नकली है। क्योंकि ऐसा डिटर्जेंट या यूरिया मिला होने के कारण होता है।
देख कर
असली पनीर का टुकड़ा टाइट नहीं होता जबकि नकली ज्यादा टाइट होता है और रबड़ की तरह खिंचने लगता है । इस तरह का पनीर खाने पर चबता भी नहीं है ।
कैसे तैयार किया जाता है नकली पनीर
दूध से क्रीम निकालने के बाद खराब दूध के अंदर डिटर्जेंट पाउडर के साथ- साथ पनीर में चिकनाई नजर आए।
इसके लिए उसमें पामोलिन तेल की मिलावट कर दी जाती है। इसके अलावा गिलसराल मोनोसिंथेटिक पाउडर और सल्फ्यूरिक एसिड जैसे केमिकल भी मिलाए जाते हैं।
नकली पनीर की शिकायत पर विभिन्न स्थानों पर दबिश देकर सैंपल लिए गए।
पिछले दिनों झज्जर के एक बड़े होटल से लिए गए पनीर के सैंपल सब स्टैंडर्ड पाए गए।
दिल्ली रोहतक नेशनल हाईवे के रोहद ढाबे से लिए गए सैंपल भी सब स्टैंडर्ड पाया।
बहादुरगढ़ सब्जी मंडी के एक पनीर विक्रेता का पनीर का सैंपल भी फेल मिला है।
तीनों पर ही कार्रवाई की गई है।
इन पर 2 लाख 70 हजार का जुर्माना भी एडीसी की अदालत में किया गया है।
डॉ. दिनेश चौधरी, खाद्य सुरक्षा
अधिकारी झज्जर