लावारिस नवजातों को रोहतक में मिलेगा घर, 2 चिकित्सक, चार नर्स और दस आया मिलकर करेंगे पालन-पोषण
अभी रोहतक, सोनीपत, झज्जर, बहादुरगढ़ और भिवानी आदि जिलों में 10 से 12 नवजात मिलने के मामले सामने आ रहे हैं। इन बच्चों को यहां रखने का कोई इंतजाम नहीं। लेकिन, अब ची. लखोराम जगन्नाथ आश्रम में यह प्रकल्प बनने की तैयारी चल रही है। ये प्रदेश का छठा स्पेशलाइज्ड एडॉप्शन सेंटर है। अभी तक पंचकूला, फरीदाबाद, हिसार, रेवाड़ी और कैथल में ही यह सेंटर है। गोहाना रोड पर दयानंद मठ स्थित चौधरी लखीराम जगन्नाथ आश्रम परिसर में ही 60 लाख रुपए की लागत से स्पेशलाइज्ड एडॉप्शन सेंटर बनकर तैयार है। यहां 2 माह बाद से 10 बच्चों को परवरिश मिलेगी। डीसी अजय कुमार के निरीक्षण के उपरांत प्रोजेक्ट की फाइल चंडीगढ़ मुख्यालय भेज दी है। सेंटर के चालू होने पर रोहतक समेत सोनीपत, झज्जर, बहादुरगढ़ व भिवानी में मिलने वाले अनाथ बच्चों को आश्रय देने में सहूलियत होगी। सेंटर में गतिविधियों पर 15 सीसीटीवी कैमरों से प्रबंधन द्वारा नजर रखी जाएगी।
लावारिस बच्चों की परवरिश को बना सेंटर
आश्रम के प्रधान राजबीर छिक्कारा व मंत्री युवराज की निगरानी में दानदाताओं के सहयोग से स्पेशल एडॉप्शन सेंटर का निर्माण किया है। लावारिस मिल रहे बच्चों की परवरिश के लिए सेंटर बनाया है। डीसी व सीडब्ल्यूडीसी ने विजिट कर ली है। दो महीने में यह सेंटर चालू हो होगा।
सेंटर में 10 बच्चों को रखने की मंजूरी मिली
सेंटर पर बच्चों की 24 घंटे निगरानी होगी। इसके लिए 2 चिकित्सक, 4 नर्स और 10 आया की तैनाती रहेगी। जो 2 शिफ्ट में अपनी सेवाएं देंगे। आश्रम परिसर में ही कार्यालय और उसकी प्रथम मंजिल पर स्टॉफ क्वॉर्टर बनाया गया है। स्पेशलाइज्ड एडॉप्शन सेंटर में अभी 10 बच्चों को रखने की मंजूरी सरकार की तरफ से मिली है। इसके मद्देनजर पालना-खटोला से लेकर खिलौनों का इंतजाम किया है। दीवारों पर चित्रकारी की गई हैं।
